ख़ुदा तुझको बता कहाँ ढूंढे तमाशाइयों के शहर में



सदाए दिल की कौन सुने 
ख़ामोशियों  के शहर में 
इंसा इंसा को ढूंढता है 
परछाईयोँ के शहर में 

मुसलसल मुंतज़िर रहे तिश्नगी
ग़र शैदाइयों के शहर में
दिल को फिर आइना कर ले
बशर, तन्हाइयों के शहर में

चार-सू फ़क़त फ़रेब-कारी है 
शनाशाइयों के शहर में 
मद्धम है सदाक़तों के चराग़ 
ज़ुल्मत-ओ-आँधियों के शहर में 

आबरू सस्ती बिक रही 
मँहगाईयों के शहर में 
मुफ़लिसी आखिरी सांस ले रही 
रहनुमाइयों के शहर में 

दैर-ओ-हरम की इंतिहाई है  
दानाइयों के शहर में 
ख़ुदा तुझको बता कहाँ ढूंढे 
तमाशाइयों के शहर में 

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सदाए --आवाज ,पुकार 
मुसलसल  --लगातार
मुंतज़िर --प्रतीक्षारत  
शैदाइयों --दीवानो ,प्रेमियों 
बशर--इंसान
चार-सू --चारो तरफ ,हर जगह 
फ़रेब-कारी--चाल -बाज़ी, धोके -बाज़ी
शनाशाइ --जान पहचान, परिचय
सदाकत --सत्यता ,सच्चाई
ज़ुल्मत--अँधेरा 
मुफ़लिसी --ग़रीबी 
दैर-ओ-हरम--मंदिर और मस्जिद
इंतिहाई--अत्यधिक, बहुत
दानाइयों --अक़्लमंदो 




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