ख़ार अक्सर गुलों के आसपास रहा करते है

 



तुम्हारा मुझसे  इतना नफ़रत तो लाज़मी है 
ख़ार अक्सर गुलों के आसपास रहा करते है 

अपनी क़ुरबत में उन्हें भी सलीस कर देती है 
जो पत्थर दरिया  के साथ -साथ बहा करते है 



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