बाँध कर कलाई में रेशम के रिश्ते की डोरी

 

जिंदगी के राहों में उलझन ही उलझन है
रिश्तों से ही महकता  जिंदगी का गुलशन है

रिश्तों के बिना तो सूना ही जीवन है
रिश्तों के धागे ही जीवन की धड़कन है

दिल के जज्बातों से ही बनते ये बंधन है 
रिश्तों में एहसासों से ही रहते अपनापन है    

बाँध कर कलाई में रेशम के रिश्ते की डोरी
पराये भी एक पल में बन जाते भाई - बहन है



 


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