ये शबनम की बुँदे ये भीनी सी बारिश
है मुझको सताती ये करती है साज़िशये तनहा सी रातें सुलगती बरसातें
जगाती है दिल में मिलने की ख़्वाहिश
तसव्वुर में अपने मै तुझको बुलाऊँ
दिल के पन्ने पर तस्वीर तेरा बनाऊं
तू है वज़्म मेरी मै तेरा मुंतज़र हूँ
कि तेरा दीवाना हूँ मैं
और मेरी दीवानी है तू
ये कलियाँ ये गुलशन ये ठंडी हवाएं
ये बारिश के झोकें दीवाना बनाये
ये सावन के झूले ये महकी फ़ज़ाएँ
मुझे याद रह -रह के तेरी दिलाये
ग़ज़ल मैं कहूँ शे'र कोई सुनाऊ
कि तेरी ही बातें लब्ज़ों में छुपाऊ
तू है नज़्म मेरी मैं शायर तेरा हूँ
कि तेरा फ़साना हूँ मै
और मेरी कहानी है तू
ये बारिश के झोकें दीवाना बनाये
ये सावन के झूले ये महकी फ़ज़ाएँ
मुझे याद रह -रह के तेरी दिलाये
ग़ज़ल मैं कहूँ शे'र कोई सुनाऊ
कि तेरी ही बातें लब्ज़ों में छुपाऊ
तू है नज़्म मेरी मैं शायर तेरा हूँ
कि तेरा फ़साना हूँ मै
और मेरी कहानी है तू
मुंतज़र -जिस की प्रतीक्षा की जा रही हो,
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