एक लम्हा हूँ वक़्त का गुज़र जाऊंगा



एक लम्हा हूँ वक़्त का गुज़र जाऊंगा 
सदायें मुझको न दे, कि न ठहर पाउँगा 

सफ़र में मै भी हूँ अपने और तू  भी है 
गुजरकर तुझसे यकसर बे-नज़र जाऊंगा  

या कि तुझको छूकर बे असर चला जाऊ 
वा कि तुझपे अपनी कोई असर कर जाऊंगा 

ख़ुशी कि ग़म जो भी है तेरे नसीबों का 
तुझे 'अता कर बेख़बर तुझसे बिछड़ जाऊंगा 

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