मेरी चाहतों में जो होगा असर

 


मेरी चाहतों में जो होगा असर
तुझे लौटकर फिर आना ही होगा

जो वादा वफ़ा तूने मुझसे किया था
वो वादा वफ़ा फिर निभाना ही होगा

भुला न सकोगे वो चाहत की राते
लिखूंगा जब अश्को से मोहब्बत की बाते

तुझे नींद आएगी अब न मेरे बिन

 
मेरी वफ़ा का सिला जो दिया है
तुझे दर्द ए दिल अब सुनना ही होगा

न शिकवा शिकायत मै तुझसे करूँगा
सितमगर तुझे दिल से मोहब्बत करूँगा
चराग़ ए मोहब्बत जो बुझा दी है तूने
तुझे अपने हाथों से जलाना ही होगा

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