लिखकर दर्द ए मोहब्बत कागज़ पर न जला देना

लिखकर दर्द ए मोहब्बत
कागज़ पर न जला देना

अपनी रूदाद ए मोहब्बत
हर शख़्स  को न सुना देना

मोहब्बत में मिले ज़ख्म भी
किसी अमानत से कम नहीं होते

दिल के दाग़ ए मोहब्बत
बेसबब अश्कों में न बहा देना 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Anything to comment regarding the article or suggestion for its improvement , please write to me.