हम हिंदोस्तानी आज चाँद पर खड़े है



अपनी हर नाक़ामयाबी से
हमने कुछ न कुछ सीखा है

आज़ादी के बाद से अबतक
हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा है

हारकर बैठ जाना ये तो
डी एन ए में ही नहीं है हमारी

पिछले नाक़ामयाबी के तुरंत बाद ही
हमने कर दी नए मिशन की तैयारी

हमारे सपने तो सितारों से भी परे है
और हौसले हमारे तो आसमानो से भी बड़े है

कभी साईकल पर रॉकेट रखकर
अंतरिक्ष की सैर को निकले थे हम

जहाँ वालों देख लो हमे
हम हिंदोस्तानी आज चाँद पर खड़े है

जय हिन्द जय भारत बन्दे मातरम्

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