भगत सिंह था उसका नाम


यूँ तो आज़ादी के राहों में
कमबख़्त शोलों का सैलाब बहता था

पर भगत सिंह था उसका नाम
हर वक़्त जिसके लहू में इंकलाब बहता था

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