सर झुके जिससे वतन का

सर झुके जिससे वतन का 
क्यू इस क़दर उस दर को जाए 
रहकर तू अपने वतन में 
क्यू न इसे तू बेहतर बनाये 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Anything to comment regarding the article or suggestion for its improvement , please write to me.