गुलशन के किसी ग़ुल का दामन नापाक तू मत लिखना


गुलशन के किसी ग़ुल का
दामन नापाक तू मत लिखना
किताब-ए-जिंदगी के अहम पन्ने पर
भद्दा मजाक तू मत लिखना

वदन एक जिस्म ही नहीं
रूह भी इसमें है शामिल
यूँ हीं किसी रूह पर बेबजह
चाक-चाक तू मत लिखना

हयात-ए-अमीरी के किताबों में
तो बात आम है ये
हयात ए अवाम के किताबों में
अब ये बात तू मत लिखना

लाज़िम है दोनों किसी
मासूम की परवरिश में
मिटाकर माँ-बाप से किसी एक को
फ़क़त माँ या बाप तू मत लिखना

किताब ए जिंदगी में बेटियों के
शादी- निक़ाह ग़र लिखना ख़ुदा
तो राह ए जिंदगी के किसी मोड़ पर
बेबजह कोई तलाक़ तू मत लिखना

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